क्या आप Overthinking के शिकार तो नहीं हैं? | Health Tips

आजकल कुछ लोग बहुत अधिक सोचने (Overthinking) लगे हैं। सोहन को ही देख लीजिए। सोहन अपने घर से ऑफिस के लिए कुछ सोचता हुआ बाहर निकला। लगातार कुछ सोचते हुए वह अपने ऑफिस पहुंचा। ऑफिस पहुंचकर उसे ध्यान आया कि जिस बस से वह आया, उस बस में वह अपना लंच बॉक्स भूल गया है।

ऑफिस में भी वह कुछ सोच रहा था कि तभी एक चपरासी उसके पास आया और उसने बताया कि अभी थोड़ी देर पहले उसने एक फाइल में गलत जगह साइन कर दिए हैं, बॉस बहुत गुस्सा होकर उसके पास ही आ रहा है।

stop overthinking in hindi
Stop Overthinking

ऑफिस से लौटते समय अधिक सोचने के कारण उसके सिर में दर्द होने लगा। घर पहुंचा तो सिर के दर्द के बारे में इतना सोचने लगा कि अपने परिवार से एक भी बात शेयर नहीं कर पाया।

डिनर के टाइम सिर में दर्द बहुत बढ़ने के कारण वह खाना भी नहीं खा पाया। फिर कुछ ही समय बाद जब वह कुछ सोच रहा था तो उसके छोटे से बेटे ने अपना होम वर्क कराने को कहा तो केवल इसी बात पर उसने अपने बेटे को डांट दिया।

परिवार में किसी ने कुछ कहा तो उससे लड़ बैठा और कुछ सोचते हुए देर रात में उसे नींद आ गई।

दोस्तों! सोहन जैसी लाइफ आजकल बहुत से लोग जिये जा रहे हैं। ऐसी अस्त-व्यस्त लाइफ का केवल एक ही कारण है और वह है– अत्यधिक सोचना (Over Thinking)

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी (Busy life) में प्रत्येक व्यक्ति बहुत व्यस्त होता जा रहा है। अधिक काम होने की वजह से वह अधिक सोचने लगा है। और यही अधिक सोचना (Overthink) उसके लिए घातक बनता जा रहा है।

सोचना बुरा नहीं होता बल्कि सोचना तो मानव का एक जरुरी स्वभाव है लेकिन जरुरत से अधिक सोचना बिलकुल गलत है। जरुरत से अधिक सोचने पर हमारा अपने ही मन और शरीर पर कंट्रोल नहीं रहता है और तरह-तरह के हमें नुकसान उठाने पड़ते हैं।

कोई व्यक्ति अधिक क्यों सोचने लगता है?

Causes Of Overthinking

अब मैं आपको बताता हूँ कि ऐसे कौन से कारण हैं जिसकी वजह से लोग overthinking करने लगते हैं–

1- आजकल लोगों के ऊपर वर्कलोड बहुत अधिक हो गया है। किसी एक जॉब से जीवन को सही से चलाना कठिन होता जा रहा है। इसी वजह से व्यक्ति अधिक काम करने के साथ-साथ अधिक सोचने भी लगा है।

2- एक कार्य पूरा होता नहीं कि चार कार्य pending में लग जाते हैं। अतः आजकल व्यक्ति एक कार्य करते हुए किसी दूसरे कार्य के बारे में सोचता रहता है।

3- ऑफिस से मनचाहा payment न मिल पाना, society में मनचाही इज्जत न मिल पाने के कारण भी बहुत से लोग overthinking करने लगते हैं और इसी वजह से जो वह चाहते हैं वह उन्हें नहीं मिल पाता है।

4- आजकल एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी हुई है। कैसे भी हो, दूसरों से आगे निकलना बहुत जरुरी है। प्रतियोगिता की ऐसी भावना किसी भी व्यक्ति को overthinking को मजबूर करती है।

5- घर से और बाहर कहीं से मिलने वाला pressure, अधिक कमाने की इच्छा, समय से पहले बड़ी सफलता (Big success) प्राप्त करने की चाहत आदि ऐसे बहुत से कारण है जिसकी वजह से व्यक्ति जरुरत से अधिक सोचने पर मजबूर हो जाता है।

जिस तरह लोगों में overthinking बढ़ती जा रही है, यह एक बहुत चिंता का विषय है। हर समय सोचते रहना और उससे कोई भी लाभ न होकर केवल नुकसान होने को ही चिंता (worry) कहते हैं।

किसी ने सही कहा है कि चिंता (Worry) और चिता (Pyre) में कोई अंतर नहीं होता। और अगर कोई अंतर है भी, तो केवल एक बिंदु (.) का अंतर होता है।

लगातार और अधिक सोचते रहने से हमारा दिमाग एक जलती हुई भट्टी की तरह बन जाता है। यह जलती हुई भट्टी खुद भी जलती है और उसको भी जलाती है जो इसके पास आता है। अर्थात एक overthink करने वाला व्यक्ति खुद तो इसका नुकसान उठाता ही है बल्कि उस व्यक्ति के आसपास रहने वाले लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ता है।

अधिक सोचने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?

Losses Of Overthinking

overthinking से होने वाले नुकसान बहुत अधिक हैं। उनमे से कुछ, मैं यहाँ आपको बताने जा रहा हूँ–

1- Overthinking से हमारे मन में नकारात्मकता (Negativity) आने लगती है और हम Negative thinking के शिकार हो जाते हैं।

2- Overthinking से हम फालतू की बातें बहुत सोचने लगते हैं। इन फालतू की बातों का न तो कोई कारण होता है और न ही इनका कोई वजूद होता है।

3- Overthinking से हमें भूलने (Forget) की बीमारी हो जाती है। हम छोटी-छोटी बातों को भी भूलने लगते हैं जिससे हमारी दिनचर्या बहुत गड़बड़ा जाती है।

4- Overthinking से अनेक तरह के रोग (Disease) लग जाते है। भूख कम लगना, सिर में हर समय दर्द रहना, चिड़चिड़ाहट हो जाना आदि बहुत सी समस्याएं हमारे शरीर में उत्पन्न हो जाती हैं।

5- Overthinking से व्यक्ति न तो समाज से अच्छे रिलेशन रख पाता है और न ही घर के लोगों से अच्छे संबंध बना पाता है।

अब एक काम की बात आपको बताना चाहता हूँ। दोस्तों! हर समस्या का एक समाधान जरूर होता है। Problem जब भी आती है तो अपने साथ Solution भी साथ में ही लेकर आती है।

जब overthinking एक समस्या है तो इसके समाधान भी जरूर होंगे।

अधिक सोचने से कैसे बचा जा सकता है?

How To Stop Overthinking Disorder

अब मैं आपको overthinking से कैसे बचा जाये या overthinking से होने वाली problems से कैसे बचा जाये, इस बारे में आपको बताता हूँ–

1- वर्तमान में रहने की आदत डालें (Living in the present moment)- अधिक सोचने वाला व्यक्ति कभी अपने अतीत (past) बारे में सोचता रहता है तो कभी अपने भविष्य (future) बारे में सोचता रहता है। इससे बचने के लिए वर्तमान में रहने की आदत डालें। अपने आसपास की घटनाओं पर ध्यान दें और जो कार्य आप कर रहें हैं उस पर अपना ध्यान केंद्रित करें।

2- अपना मनपसंद काम करें (Do what you like)- जब भी आपको free time मिले तो उस समय आप अपने पसंद के कार्य करो। इसके लिए आप writing कर सकते है, कोई game खेल सकते हैं, swimming कर सकते हैं। आप हर वह अच्छा काम कर सकते हैं जो आपको पसंद हों।

3- सोचना थोड़ा कम करें (Think less)- आप कोशिश करें कि थोड़ा कम सोचा जाए अर्थात उतना सोचें जितना जरुरी है। सोचना व्यक्ति की habit होती है लेकिन यदि सही समय पर सही बात सोची जाये तो वह फायदा देती है। अतः अधिक सोचने की जगह कम तथा अच्छा सोचें।

4- फालतू की बातों को भूलना सीख लें (Forget to useless thinking)- जब भी फालतू की बातें आपके दिमाग में आएं तो तुरंत अलर्ट हो जाएं और उन बातों को अपने mind से तुरंत निकाल दें। ऐसा करने में शुरू में आपको कुछ परेशानी होगी लेकिन यदि आप मन में ठान लेंगे तो बाद में ऐसा करना आपके लिए बहुत आसान हो जायेगा।

5- अच्छा सोचने की आदत डालें (Develop the habit of good thinking)- आपको अच्छा सोचने की आदत डालनी चाहिए। अच्छा सोचने से negative thinking के लिए हमारे mind जगह नहीं रहती। अच्छा सोचने से मन प्रसन्न भी रहता है और कार्य में मन भी लगता है। अतः अच्छा सोचें और अच्छा करें।

6- संगीत सुने और मैडिटेशन करें (Listen to music and take meditation)- overthinking से बचने के लिए आप अपना मनपसंद Music सुन सकते हैं। अच्छा संगीत मन को टेंशन फ्री रखता है। आप meditation का प्रयोग भी कर सकते हैं। इससे आप अपने मन को अच्छा और कम सोचने के लिए motivate कर पाओगे।

7- खाली (फ्री) न बैठें (Don’t sit free )- कहते हैं कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है। जब भी आप free बैठें होंगे तो आपके दिमाग में फालतू की बातें आती रहेंगी और आप बहुत अधिक सोचने लगेंगे। इससे बचने के लिए आप हमेशा कुछ न कुछ जरूर करते रहें। busy रहने से फालतू की बातें mind में कम आती हैं।

Written By-

Mr. Manoj Varshney

Bisauli (Badaun) (U.P.)

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दोस्तों! यह एक Guest post है। मिस्टर मनोज वार्ष्णेय द्वारा यह आर्टिकल लिखा गया है। मनोज जी एक Teacher हैं, जो एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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156 thoughts on “क्या आप Overthinking के शिकार तो नहीं हैं? | Health Tips”

  1. नमस्ते सभी भाईयो एवं दोस्तों को
    Comment में लिखी हुई सारी बाते बहुत ही सुन्दर और जीवन में उतारने योग्य है। सोच एक ऐसी चीज है कि आपको स्वस्थ भी बना सकता है और बीमार भी बना सकता है।
    दूसरी बात की लोग कहते हैं कि व्यस्त रहिए स्वस्थ रहिए। लेकिन मुझे लगता है कि व्यस्त रहिए मगर बेकार व्यस्त मत रहिए। कुछ अच्छा करिए।
    धन्यवाद

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  2. Bilkull shii btaya aapne
    Actually me mere sath bhi esa hota hai me hmesha apne future ke baare me hi jaada sochti hu or jrurat se jaada soch leti hu jiski vjh se me stress me pd jaati hu. Or mera behave bhuth irritable ho jata hai. Bhuth jaada preshan ho jaati hu me. Life dull and boring lgne lgti hai. Bhuth jaada sochne lgti hu.sir please help me. Umeed krti hu aap meri kuch help kroge.

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    • Taruna ji, Aapki help ke liye hi yeh article likha gaya hai…..Kripya iske Tips follow kijiye…..Koi prashn ho to aap mail kar sakti hain…..Thanks!

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  3. Sir mera mind b saant ni rhta h har time kuchh na kuchh sochta rhta h ab to sar dard b rhne lga h ye mere sath 4 month se hora h plz koi solution btao sir plz

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  4. Sir muje Morning mai uthane ke baad negative vichar aate hai to Kya karu please advice and Raat ko Sote samay bhi bure vichar aate hai and Puri raat ko Nind nhi aati 1 week hua hai please advice

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  5. Hui hi sir it’s me Neha mere saath v aisa horaha h mai kuch dino se bahot utpatang soch rahi hun dimag m kuch na kuch chalta hi rahta h 24 hrs Kya mujhe cykatris ko dikhana chahiye plzzz help me for god shake

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  6. सर आपको सादर नमस्कार। सर मै एक स्टूडेंट हु और साथ ही व्यवसाय भी करता हु और रात में पढाई करता हु जब से मेरे एग्जाम सुरु हुए है तब से मेरे सर में दर्द बना रहता है जिससे सोते समय भी मेरा सर में थॉट्स आती रहती है और मै कई चीजे भूलने भी लगा हुएक्सम में पढ़ने के बावजूद भी सब भूल जाता हूं मैं क्या करूँ कैसे बचू इन सबसे।।।।

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  7. Sir I am also overthinker me pahle bhut sochta tha us time to sab shi tha par ab problem ban gyi h choti choti baton ko sochne lag jata hu kisi k sath esi batoto pe discuss krta hu to vo haste h
    Aur kuch nagative thought itne havy ho jate h ki unko nikalne k liye 2 din lag jate h me unko nikalne ki bharpur kosis krta hu par mere chahne के bavjud me nhi kar pata mera apne ap par control nhi rhta
    Me kya kru

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  8. Sir… kuch time s mere sath bhi kuch aisa hi ho rha hai… M phle aisi bilkul nii thii pr kuch 6 months s sab kuch bdal gya hai…kuch na kuch sochti rhti hu or man m kuch na kuch bolti bhi rhti huu.. jo meaningless hota h mtlb pta nii aisa kyuu.. M kosis krti hu aisa na ho pr aisa hi hota jaa rha h … purani memories ko yaad krke kabhi khus to kabhi dukh mahsoos krti hu. Smaj nii aa rha kya kru.. brain bilkul blank ho gya h… ye sab problem ka kya solution hai…meri age abhi bas 18 hai pta nii kyuu ho rha hai mere sath …

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  9. Sir mein khud bhot sochti hu or negative Jada sochti hu bs pura time kuch na kuch chlta hi rehta hai . mein Jada future ke baare m sochti hu dusre logo k baare mein sochti hu ki Maine agr y kr diya toh koi kya sochega mein bhot drr bhi jati hu is vjh se bhot baar khud hi soch leti hu or maan leti hu or fr preshaan hoti hu bhot sr dard rehta hai or preshaan bhi hu sir mein is cheej se

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  10. mai khud is bimari se juj raha hu sirf 24 saal ki umar mai or mai kisi ko bata bhi nahi sakta qki is bimari ki wjja se na to mera koi dost bacha hai na he mere family mere kisi se acha bond bacha hai jo us se share karu or wo meri help kre is se bhar nikalne mai or na kisi k pass mere liye itna time thanks to you sir muje itna btane k liye ki muje is bimari se kese ladna hai once again thanks to you sir

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  11. बेहतरीन आर्टिकल , बहुत गहरे व‍िचार रखें है मनोज जी ने मानव स्वभाव के ऊपर और उनसे भी ज्यादा शर्मा जी आपका धन्यवाद जो आप ऐसे पाठको के आर्टिकल को अपने ब्लॉंग पर स्थान देकर हमारे जैसे पाठको का भला करते है। अमूल जी आपके और आपके दोस्तो की Guest Post पढ़कर लगता है क‍ि आप लोग वास्तव में बेहतरीन श‍िक्षक भी होगें । ज‍िनसे पढ़कर उनके विधार्थी जरूर लाभान्व‍ित होगे।

    S.K.Verma

    Positivebate.com

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  12. Sir muje spne bhut aate he agr din me sota hu to bhi aur rat me sota hu to bhi puri night jb tk sota hu spne aate rhte he
    Kya yeh meri health k liye shi he agr nhi to kuch ttrips btaye please

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    • Jyada sapne aane health ke liye acche nahi hote…..aap sone se 1 ghanta pehle hi mobile aadi ka Use karna band kar dijiye…..is time aap apne man ko shant rakhiye…..jyada sochiye mat bas mood ko relax bana lijiye,,,fir aapko sapne kam aayenge………

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      • Sir mai nagativity se bahut pareshan hu kya karu bahut thought aate h dimag me kaise thik hoga jisse mai chain se jeena b nahi chahti plz koi upay btaye dimag me kuchh na aaye

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  13. Meri bhi jyada sochne ki badi hi buri aadat thi aur jabse ye post maine padha to isme bataye gaye tareeko ko apna raha hoon jisse kaafi hadh tak parivartan ho raha hai. Aur pehle se ab kam bhi sochta hoon jisse ki mujhe koi problem na ho. Aur main khush bhi hoon ! Thankyou so much for this post !

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  14. सर में सेना का जवान हु और मैने गलती से शिवरात्रि के दिन भांग खा ली थी तो में पागल जैसा हो गया था ,,,,,,,और में वही सोच सोच के परेशान हु की कही मुझे दुबारा न हो जाये ।,,,,,मेरे दिमाग में वो डर बैठ गया ,,,,सर मेरी मदद करे की इसको कैसे भुलाऊँ,।।।।

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  15. Bahut achha laga apka ye overthinking lekin main kiya karun akha koshish karne ke bad v sona band nahi hota lagta hain ki mera dimag kharab ho jayega

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  16. Thank you sir apki wazah se mujhe bahut help mili hai. Mai over thinking ki shikar hu chuki hu….I hope mai jaldi theek ho jaun.tnx again Sir.

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  17. Sir mai deepak Kumar mai foj me job karta hoo sir kooch din se mai mansik bimari se lad Raha hop mai jab night me sota hop to mai bahoot dream dekhta hooo Jo bat bit gai hai o yad ati hai phir hamesa udas sa rahta hoo lagta hai jase life me barbad ho gai ho sir iska kooch upaya

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  18. sir i am an industrialist and i have also this problem cause of last 2 year demonetisation and Gst
    my problem is over thinking and fast growing in my filed but i was failed and today
    my business is reduced 40% and due to i am almost negative, i went so many astrologers for increase my business position but not found
    today i read your all positive thought
    thank u very much i will try to meditation for this problem
    sir if u can give me more advise than pl reply how i can ot of this problem

    Reply
  19. meri problem hai overthinking. Zarurat se zyada sochna or negative thought ke karan ghabra jana. Me bahut koshish karta hu na sochne ki par kuchh nahi hota overthinking bani hi rahti hai. Kai sare article pade overthinking, depression se related, par mu par in chizo ka kuchh asar nahi ho raha hai. samaz me nahi aata kya karu. Kya meri life me kabhi ek pal esa bhi aa sakta hai jab me ek pal ke liye hi sukun prapt kar saku. Shayad esa to death ke bad hi possioble ho sakta hai. Me bahut koshish kar raha hu in chizo se bachne ki, par kuchh nahi kar pa raha hu. ghabrahat ke karan gale me ghutan si bani rahati hai, esa lagta hai meri zan mere gale me ataki hai, kabhi bhi nikal saktai hai. pahle sochta tha ki paise ki problem ki bazah se esa ho raha hai, par ab to achi salary bhi ho gayi hai par tension , depression, akelapan or overthinking ne pichha nahi chhoda. Kya iska kuchh solution available hai ya fir ese hi ghut ghut kar jina hoga. me apne aap ko bahut underestimate karta hu. bilkul confidence nahi bacha mere andar. khush hone ki koshish karta hu to kisi ko(Seniors ko) meri khushi dekhi nahi zati. or bo muze darane or tension dene ki koshish karte hai. kisi se bat karne ka man nahi karta. Kya Karu??????????????

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    • Bhai pehle to itni tension na le….apni life me khush rehne ki kosis kare……job ki tension ghar na laye aur aap yoga & meditation kiya kare…..kuch hi dino me fark mehsoos ho jayega…….

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  20. Hello sir ek toh meri problem hai ke dimag main vicharo ko rok nahi pata ho or yehi sochta rehta ho ke mujhe kya ho gaya hai, har time thakawat c rehti hai bhoolne ki beemari hai kabhi kabhi toh naam bhi bhull jata ho dimag khali khali sa lagta hai ghabrahat hoti hai bechani hoti hai neend nahi aati Mann se yeh vichar nikal nahi paata ke main pehla kaisa tha ab main vaisa nahi raha koi bhi kamm main jee nahi laga pata ho sir plz help..

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  21. Mere sath b over thinking k bhut problem h.m hmesha bevajah k bato ko soch kr pareshan hoti rhti hu aur isse mera confidence bilkul gir gya h ..din bhar mind m purana problem ko lekar uljhan bni rhti h..mujhe lgta h m ek din pagal ho jaungi ..kya kroo

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  22. Yes.. Ye problem lagbhag sabhi ke sath hai es Saare tips ko agar hum follow kre to ek better results hme mil sakta hai

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  23. Jab bhi me kuch accha karne ki sochta hu to ulta mere sang he bura ho jata hai aur study me bhi sahi se concentrate nhi kar pata jab kuch kaam karne lagu tab dusra kaam dhyan aata h jab vo karne lagu to kuch aur sir smjh nhi aata m kya karu kabhi kabhi to sochta hu m is life ko he khtam kar du

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  24. main v bahut sochta hun aur jyada sochne ke karan hamre mind me ajeeb ajeeb tarah ki feeling mahsoos hone lagti h hamare halat hi kuchh aise h doston se pahle baat kiya krta tha magar wo log hmse baat nahin krte isliye bahot sochta hun

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  25. SAB TEEK BOLA AAPNE PER SOTE TIME TO HAM BILKUL KHALI HOTE HAIN NEED PURI NAHI HO PATI OR NEGATIVE VICHAR AATE HAIN PLZ BATAYE KYA KARE URGENT REPLY PLZ I AM GOING IN DIPRATION NOW THE DAYS. PLZ REPLY JALDI KAR DIJIYE

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    • Bhai sote time negative thinking mat rakha karo…..aur Negative thinking se bachne ke liye aap hamari posts read kar sakte hain

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  26. hello sir main thodi jaankari chahta ho sir mera dimag har time sochta rehta hai mere ko ghabrahat bauth hoti hai mere ko purani baatin yaad nahi rehti dimag bhi sunh sa rehta hai apne aap ke bare main he sochta rehta ho ke mere ko kya ho gayia hai kisi bhi kam main jee nahi lagta plz help sir

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  27. Mein bhi faltu baaten sochte rehta hoon jo ki Wo Sochne ka koi fayada nhi Fir Bhi Jo Dekhta hun Sunta Hun Or Usee imagine kar k Sochte rehta hoon. Overthinking… Kosis Karunga Ki Iss buri Adat ko Chhodne ka io..

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  28. Mujhe lagta h ki jo kaam karna hota h useke bare m sochna jaruri hota h lakin jab use lagta h ki ye kam use hoga nhi lakin fir bhi vo usko karna chata h vo bhi kewal isliye kyonki shyad usse use khushi milegi uska jivan bhatar hoga us kaam ko karne ka liye aadmi overthinking sochne lagta h to kya use chod dena chaye use apne kushyo ka gla ghot dena chaiye jarur btaye sir

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    • Manish ji, Khushiyon ka gala ghotne ki baat kon kar raha hai….sapne dekhna to acchi baat hai….positive sochna bhi acchi baat hai….jis kaam ko sochne se khushi mile use sochna chaiye lekin jyada nahi sochna chaiye….thinking to vyakti ki habit hai lekin overthinking problem create karti hai…..

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  29. hello sir i wanna ask u that Does over thinking create the stress if it creates so it mean we cannot do any work proper which work is direct connection to mind is it right or not .

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  30. overthinking sach me ek bhaut gambheer samssya hai mere liye aur mere jaise bahut se loho ke liye….kintu mai is website me achank aa gya uaer aur ye blog read kiya …shyad isme like tips padkar kuch parivartan aaye …
    thank you

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  31. Very remarkable article and very useful tips for those who suffering from over thinking problem. It is really a good efforts for social development.good luck.

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  32. Wao aap ne to mera tension hi dur kar diya nice line aysa lgta hai ki jo mera sath ho rhi hai wo sirf sochne ki wajh hai ab sayad mai apne aap ko badal saku

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  33. Sir mujhe bhi overthinking ki bimari h aur maine meditation kar ke dekha h aur is se kafi labh hota h. hum apni adto me badlav karke rutine set karke ise kam kar sakte h

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  34. Mai to itna sochti hu ki lagta hai kahi pagal na ho jau kisi chij par control hi nahi rahta.jayada tar negative thinking hi aati hai.or kabhi kabhi to itna sar ki dard hone lagta hai ki kahi sar faat hi na jaye.kya karu kuch samajh nahi ata kaise control karu sab.

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  35. sir ye problems to mujse bachapan she thi ji ab tak he me abi 20 year ka hu Sir me sab kuch janta hu itana sochane se kuch nhi hoga Jo hoga wo dekha jaega phir or socahne lagta hu phir to manao sir ki nase fat jati he ESA lagta he kahi pagl na ho jau bolts hu na sochu na sochu phir or Jada socha hu kyu sir sab janne me bad bhi

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  36. Sir Main overthinking se bahut pareshan Hoon aur mhuse bhoolne jaisi bimari ho Gahi hai nind bhi Kam aati Hai jisse headache rahata Hai.

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  37. Thanx Amul ji, is nek kaam k liye aapko dhanyvad.Apke diye hue tips se bohat se logo ki life m change aa sakta h.or vo log jo apne sapno ko pura karne m lambe samay se is problem k chalte door ho rhe the unhe ab apni manjil ko pane m pahle jitni problms nhi hongi.apki tips bohat saral or achchi lagi.ye bilkul vaisa h jse koi koma m gya hua Vayakti leta leta gahri soch m sochta hua chand pe chala gya hota.Agar use bahar ki taraf ghumne k liye na nikala hota.Tabhi uska focus bahar ki taraf hua. Events nd activities change our thinking also reduce to diminish OVERTHINKING.Nd its more helpful that, hme kabhi bhi lambe samay k liye khali nhi baithna chahiye.Every moment present m active rahna chahiye. THANKS A LOT AGAIN.

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  38. कभी कभी जीवन में हमें दूसरों की गलतियों को भुगतना पड़ता है तब क्या करें ?

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  39. main yeh padkar bahut impress hua main bhi shayad ishi overthing bimari ka sikaar ho gay tha ab mujhay samaj main aya ki sochney say kush nahi hota balki apna or dusro ka bhi nuksaan hota hai sabse bari baat ki aap ki sehat bhi kharab hone lagti hai

    thanks sir

    aaj kay baad main puri koshish karuga ki overthinking na karu balki apnay aap ko or sab ko khush rakhnay ki koshish karu

    thanks again and again

    Reply
  40. सोचना कहा तक सही है और कहा तक नहीं ये एक scientific act है लेकिन तनाव भरी ज़िन्दगी में बिना सोच विचारे कोई काम भी तो नहीं होता है, science ये कहता है कि इंसानी दिमाग अपने बॉडी के अंगों को सोच कर के कंट्रोल करता है और तभी उनको हिला डुला पाता है
    पर क्या ऐसा हो सकता है की हम कंप्यूटर की हार्डडिस्क मेमोरी की तरह अपने दिमाग की की मेमोरी को अपनी मर्जी से अच्छी सोच से भर सके और बुरी और गलत सोच और विचारों को डिलीट कर सके
    या फिर गलत सोच का वायरस डिलीट ही नही होता होगा

    अमूल जी मुझे तो आप ये बताइये की
    क्या आप ऐसा कर पाने में समर्थ है

    जी नहीं बिल्कुल नहीं
    क्योंकि ना तो आप अपने ह्रदय को सोच कर रोक सकते है
    और बिना कानो के हाथ लगाये ना आप आवाज़ सुनने से रोक सकते है
    तो आप कैसे अपने मस्तिष्क को अपनी मर्जी से सोचने पर मजबूर कर सकते हे

    अगर आप ऐसा सोचते हो की में मेरे मस्तिस्क को अपने इच्छा अनसार काम में ले सकता हु तो ये गलत है क्योंकि ऐसा नहीं होता है

    यह एक प्राकृतिक क्रिया है जिसमें हमारा मस्तिष्क आटोमेटिक कार्य करता है
    Example –
    ख़ुशी में हँसते क्यों है रोतें क्यों नहीं
    गम में रोतें क्यों है हँसते क्यों नहीं
    कोमा में चले जाने के बाद भी तो इंसान सोच सकता है तो फिर क्यों वो कुछ नहीं कर सकता
    क्योंकि
    मस्तिस्क पुरे शरीर कंट्रोल करता है
    ना की शरीर मस्तिस्क को

    जिस दिन सोचना अपनी मर्जी से बंद कर देगा ना इंसान
    वो सिर्फ एक ही दिन हो सकता है ,,,,,,उसकी मृत्यु का दिन

    क्योंकि मृत व्यक्ति सोच नहीं सकता

    मेरे इस तरह से जावाब देने या प्रतिकिर्या देने के लिए क्षमा चाहता हु

    डॉक्टर आदिल पठान
    लंदन रिसर्च ऑफ़ ह्यूमन लाइफ एंड हेल्थ केअर

    Reply
    • Aapne Mind and Body relation ke bare me read kiya hoga….mene bhi kiya hai aur is bare me itna keh sakta hu ki dono me deep relation hai…ham apne mind se body ko control kar sakte hain aur body acts se mind ke vicharo ko bhi control kar sakte hain….hamari marji hai ki kin vicharo ko ham mind me rakhe aur kinko na rakhen…..hamare body me do mind hote hain…ek sir me aur ek backbone me….back bone body ki jin cheejon ko dekhta hai, unhe ham control nahi kar sakte, jese dil ka dhadkna etc lekin post me “OverThinking” ki baat ho rahi hai….unhe ham control apne main mind se kar sakte hain….hame apne vicharon par control karna aana chahaiye varna vichar shor karke hame disturb kar dete hain….topic ki bate maine ese hi nahi likhi balki un par research karke likhi hain…..dhanyavad, aage aapki pritikriya ka swagat hoga….

      Reply
    • डॉक्टर आदिल पठान जी
      लंदन रिसर्च ऑफ़ ह्यूमन लाइफ एंड हेल्थ केअर|
      आपका कहना बिलकुल ठीक है।लेकिन ज्यादा सोचने की वजह से हमारे कोई भी काम ठीक ढंग से नहीं हो सकते।और जिंदगी नर्क बन जाती है।इसलिए उतना ही सोचें जितना काम का है।अगर फिर भी आपके दिमाग में ज्यादा विचार आते हैं तो मैडिटेशन करें।सुबह-शाम सैर पर जाएं।अच्छा और हेल्थी खाना खाएं।पॉजिटिव लोगों के साथ रहें।भगवान् की भक्ति करें।और किसी जरूरतमंद की हेल्प करना न भूलें।
      अगर फिर भी आप जरुरत से ज्यादा सोचते हैं तो मनोचिकित्सक से इलाज कराएं।वो आपको काउंसिलिंग और दवाओं के माध्यम से ठीक होने में मदद करेंगे।

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      • Hello Sir ,I have become prey of overthinking .So , What should I do to do well ? Sometimes I lose my temper and brake a lot of rules which I have to face later.

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    • DR. sir ji aapne bilkul sahi kaha overthinking ek problem h y nhi ye to bas manne pr nirbhar kerta h
      agar overthinking ek bimari h to jitne bhi great scientist the iska matlab unhe bhi yah problem thi kyonki ager apko kisi bhi cheej ko janna h ya kisi cheej ke bare me seekhna h to sochna to banta h funda bas itna h ke logo ko yah samjhna hoga ki hum apne dimag me kya bhare matlab kosis kare ke nagativity se door rahe jitna ho sake aur positivity ke pas jitna ho sake rahe aur jitna jarori ho utna hi grahan kare. vaise d=sir mere sath bhi kuchh aisa hi h pr mai is overthinking ko hameshah positive way me leta hu aur ise apni padhai me use karta hu
      kyonki mai ager thoda jyada continue padhta hu to fr samjho ke mere dimag me bs kam ki cheeje hi ghumti h
      meri padhai se jodi ha kabhi kabhi dikkat hoti h pr manage kr leta hu . ant me ise theek krne ka ek tarika h jo mai kerta hu matlab khud ka achha dost bn kr khud se bate kerna man hi man positive thing ko leker aur jab dosto ke sath hota hu to ek dam bindas fr kahe ki over aur thinking. bat bs itni h ke every thing depend on our self
      dhanyavad sir ji apka
      jai hind jai hindi

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      • Vikas ji, Aapne sahi likha ki kuch karne ke liye sochna bahut jaruri hai….lekin jyada sochne se problem ho jati hai kyoki ham us samay present me na hokar ya to past ke bare me sochte hain ya future ke bare me sochte hain…..aapne kaha ki scientist bahut sochte hain….yeh sach hai but veh faltu ka nahi sochte kaam ki baten sochte hain……Dhanyavad!

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  41. Sir Meri b help kijie mai bht sochti hu mai jaisa sochti hu fir mujhe waisa hi lgne lgta h..mai apne ap ko bht smjhati hu fir samjhati hi rah jati hu sir Meri help kijiye

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  42. Thank you sir .but mai v overthiking ka sikar hu mera age 21years hai meri ghr ki sthiti thiq nhi hone ke karan mai apna padai v pura nhi kar paya aur job kar rha hu sath hi praivet exam dila rha hu aur coching bhi kar rha hu ghar me to bhot tensan hai isliye bhot jyada sochte rahta hu khaskar apne bhawisya ke bare me jisse mai overthinking ka sikar ho gya hu aur har chij bhool jata hu ghr se office nikalte waqt kya2 saman rskhna hai sochta jarur hu lekin jb office me beg chek karta hu to kuch na kuch bhool gya hota hu kabhi2 to mobile pakadna bhool jata hu …sir pleas mera help kijiye pleas ..

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  43. Thanku sir jesa aap ne kha h m wesa hi krunge or ek bat or batne aapko us problem ka solution bhi batao mai negative na sochu mene uske liye mcom k liye coaching lga le jisse muje bhut fayeda hua m kafi teek ho gye the PR ye tension h mcom m Jo course h bcom ka hi tha Jo muje aata tha PR mene coaching srf isliye lgye the k me Jo negative soachte hu wo thoda kam ho jaye jisse hua bhi PR ye tension koi ye na soache k ispr yeh course to aata tha fir bhi isne coaching LGA le or ek bat Ke yeh sab sochna pagal hona hona to nhi hota

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  44. Amul sir ji me pichle 5 months se problem suru me to mujhey headache hona suru hua tha phir me iss headache ke baare me itna sochne laga ki pta nhi ye konsa dard hai ja hi nhi rha hun cheej se dar lagne laga tha negativity itni bad gayi pta nhi hur time iss bimar ko lekar person rehta hu hamesha dur laga rehta ki mujhsey kuch galat na hogaye jab kuch pta hote hue bhi aisa mehsoos hota hai ki me kuch galat na kardu mene physico ko bhi dikhaya usne ocd bta di pur ocd apni jagah hai ise jada mujhey meditation aur yoga sabse best lage aap kuch bataye iss problem se kaise nikla jaye mere parents mujhey lekar person ho jate hai mera final year hai jab I sab kuch ache se chal rha tha bus kab me hua pta bhi nhi chala

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    • Vikas ji….aap present ke bare me sochiye….past me kya hua, yeh mat sochiye…..post me di tips apnaiye aur apne doctor dwara batai medicine time se lete rahiye…….

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      • Sir mene BRAIN KA MRI BHI KARYA IS chakar me hi ki kuch dikat to nhi kal karya tha aaj report aai hai vo bhi normal hai sirji pta hai me Apna routine bata hu uspey tik nhi pta agar 2 din routine ko hogaye aur 3 re din vo routine ka kam nhi hota bhaut persan ho jata hu dosto vagera se kisi se bhi baat karne ko mun nhi karta pur unke msg aate hai to pta nhi Unka reply dena padta hai me sochta hu meri bimari ke barey me kisi ko pta na chale aap hi kuch bataye kaise kya karu sirji roj sochta hu ki aaj se theek rehne ki kosis karunga

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    • Niki ji aap meditation me apna dhyan lagaye aur jo faaltu ke thoughts aate hai un pur bilkul dhyan hi mat dijiye bus ye soch lijiye ye ek bimar aur aai to jayegi bhi patience rakhna hai. mere saath bhi bhut badi problem me bhi iss pagal word se person tha aur negativity to itni thi bus pta nhi sakta jitna time hum apni disease ke baare me sochne utne time me hume koi apna man pasand kam ya god ka samran karna chaiye dhyan sabse badi saflata hai dear hamesha motivate rahiye ye bevjah ke thoughts jo aate hai ye sirf ek bimar I hai kabhi bhi akela mehsoos na kare busy raho always be positive

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  45. Hii sir muje aapke help Ke jaroot h me bhut jyda soachte hu m chate hu k m soachna kam kr. du ek bar ESA hua tha Mamme n mere s mjak m khe diya k tu pagal mt hojana. Wo bat mere man m ESE bate h bhula nhi paa rhi hu fir uske bare m itna soachne lge use bula nhi pa rhi hu or use soachte soachte or glat bat m aate h mera aage kya hoga m m kuch krpaunge ya nhi khi ye soachte muje koi hona Jaye kabhi ye man krta h me mar jao or ek bar ek ladies n kha jyda padne s pagal ho jate h to fir us bat KO soach kr padne man nhi lgta me chate hu ye bat m bhul jao kya kru m jyda sochna chod du

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    • Nikki ji, Aap bewajah pareshan ho rahi hain….marna kisi problem ka koi solution nahi hai….aap hamari is post ke tips apnaye aur dhyan rakhe ki kisi cheej ke bare me utna hi soche jitna jarurat ho…..padai karne se koi pagal nahi hota…agar esa hota to aaj poori duniya pagal hoti….aap positive thinker baniye aur Aapki Safalta se lagataar jude rahiye taki motivate ho sake…..doosron ki negative baton par dhyan mat dijiye aur khud par vishvaas rahiye….yakeen maniye aapko safalta jarur milegi…….

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      • Likhne ki adat dalo mere sath bhi whi problem tha, jo bat mere man me atak jati hai mai usko likhta hu ya to notepad pe ya copy pe pura bat ko likh dalo, bat man se nikal jaygi

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    • Same cheez mere sath bhi hai… mai baate bhool jati hu… or bhot jadasochti hu.. inta ki sochte sochte headache ho jata hai.. man krta hai lyf khtm kar du

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  46. sir namaste mera naam deepak h
    sir mujhe overthinking ki problem h sir every time mind busy rehta h mind ki memory kafi week ho gai h sir kya koi treatment bataye plz

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  47. Thank you so much sir..
    This is a useful chapter..
    Mujhe ye over thinking ki bimari hai.
    Lekin ye post padhne ke bad
    I feel better..
    Me is post par Amal Karunga..
    Thank you so much.

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  48. Sir me bhi overthinking ka shikar hu . bhut jyada sochti rhti hu, pregent me na rehkr future ke bare me useless baatein sochti rhti hu.man me susidel thotuts aate rhte h ki ab me puri trah se nirasha me ghir chuki hu.mene hypnotherpy bho krvai h pr koi fayda nhi hua sir me puri tarah se nagetivity me ghir chuki hu pls help me

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    • Poonam ji aap post me diye gaye tips ka Use karen, fayeda hoga……yadi fayeda nahi ho to aap kisi acche psychologist se milen……

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    • Poonam ji same problem bilkul mere saath bhi hai 5 months se mene physico ko bhi dikhaya usne ocd name ki disease btai aur kha ki meditation kare aur davai time pur le theek ho jaoge but ye tips bhi bhut benficial hai hume inhe follow karne chaiye me kosis kar rha hu apna ek routine ban lijiye pta hai mere saath ye problem jab aayi jab me final year aaya btech me pta bhi nhi chala jab negativity badi jab pta laga ki mujhey kuch na kuch to hua hai

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  49. Sir kya mujhe psychologist ke paas jana chahiye me 1.5 year se overthinking jhel ra hun wese meri kahani bhut lambi he par me aapko short me main point bta deta hun me bhut paresaan and bhut dukhi hun hmesa paresaan rahta hun wese meri overthinking bhut useles he jiska is world me koi importancs he ne he overthinking me me khud ko new new type ke thought se control krta tha but wo thought ve useles the !! Nd fir se new thought aa jate and fir se usko sochne me kai thoughts mind me aate nd fir se overthinking ye chlta raha !! Nd bhut in sab me mene bhut paresaane jheli bhut jyda SIR PLZ-3 KOI BEST SOLUTION BTAYEN

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    • Suraj ji…..post me bataye gaye tips ka Use karen, inka fayeda dheere dheere hota hai…..agar koi bhi fayeda na ho to psychologist se milen…..

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  50. gd morning ji
    mere mind bhi kuch na kuch hamesa sochta rehehta hu mind 24 hour busy rehta h koi treatment batai sir
    kya koi medcine se bhi ye overthinking se bacha ja sakta h…….

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  51. Sir ajakal m bhout pareshan hu . Mera man or dimaag m kuch na kuch chalta rehta h. M chahe kuch bhu kar raha hu mera dimaag kuch na kuch sochta rehta h or m ajkal pehle jese khus bhi nahi hu batao m kya karu plss help me

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  52. I think this is among the most important information for me.
    And i am glad reading your article. But wanna remark on some general things, The website style is great,
    the articles is really great : D. Good job, cheers

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  53. Usually I do not learn post on blogs, but I wish to say that this write-up very pressured me to try and do so!
    Your writing taste has been amazed me. Thank you, quite nice post.

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  54. Amul Ji m apko is post k lie thank u khna chahti hu….Q m over thinking se gujar rhi hu…apne jsa jsa kha h…vsa hi ho rha h…negitivity barh gai h…khud se dar lgta h..bhut hi faltu ki bate sochti hu…mujhe lgta h ki m kitni buri hu meri soch esi ho gai h….prhai m v mn nhi lg rha bhook v nhi lgti hmesha mn ghabrata h…or in sbse bachna chahti hu….apke tips parhe h..pr nhi ho pa rha …kya apko lgta h ki mujhe kisisycologist ko dikhane ki jarurat h…plz meri help kre…

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    • Poonam ji, overthinking aajkal ek badi problem ke roop me samne aa rahi hai…lekin har problem ka solution bhi hota hai….aap kam sochne ki koshish kijiye…apne manpasand kaam me apna mind lagaiye aur apna environment change karen….to aap accha feel karengi….sahi hone me thodi mushkil bhi lagti hai aur time bhi lagta hai…..lekin yadi aapko is post ki tips se koi bhi fayeda na mile tab aap doctor ke paas ja sakti hain…..

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  55. Ha bhai apne sahi kaha he Mei bhi aajkal kuch jada hi sochne laga Hu or rat ko bhohat der bad nid atti he or jab Me subaha sokar uthata Hu to aisa lagta he ki Me rat bar soya hi nahi pata nahi yesa q ho raha he mere sath….

    koi achha sa upay De jisi kam soch ho jaye…

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    • Thanks Vicky for comment…….agar aap sochte jyada hain to ise kam karne ke liye mene post me tips de rakhen hain….unhen jarur apnaye….aapko fayeda jarur hoga……

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  56. very good article amul ji…….. is article me overthinking ke bare men bahut hi kaam ki or jaruri baaten batayi gayin hain…..or jis tarah se aap likhte ho wo kabiletareef hai

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  57. Haa, hum jitna time sochne mai lagate hai utne time mai to hum. Dono kaam kar sakte hai. Isliye maine sochna chodkar kaam mai man laga rakha hai.

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    • Dhanyavad Rahul ji……bilkul sahi kar rahe hain aap…..kaam me man lagane se faltu ka sochna band ho jata hai……

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  58. I’ve been browsing online more than 4 hours today, yet I never found any interesting article like yours.
    It’s pretty worth enough for me. In my opinion, if all web owners and bloggers made good content as you
    did, the internet will be a lot more useful than ever before.

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  59. Insan ko lagata hai ki jyada soch samajhkar kary karane se kary bahut badhiya tarike se sampann honge. Lekin aapne over thinking ke nukasan batakar aise logo ko sachet kiya hai. Dhanyavad.

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    • Dhanyavad jyoti ji….sahi kaha aapne, insaan ko sabhi kaam soch samajh kar hi karne chaiye lekin…..had se jyada sochna aur faltu ki baten sochna bahut nuksaan deti hain……

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  60. बेहतरीन Post Amul,जब ऐसा कुछ पढ़ते है तो सब समझ में आता है मगर जिदंगी की आपाधापी में सब गड़बड़ा भी जाता है।

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  61. बेहतरीन Post Amul,जब ऐसा कुछ पढ़ते है तो सब समझ में आता है मगर जिदंगी की आपाधापी में सब गड़बड़ा भी जाता है।

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  62. सच में ओवरथिंंकिंंग बहुत ही खतरनाक स्थिति है। काम काज और तेज दौड़ती भागती जिंदगी की वजह से हम इस तरह की बीमारियों को अनदेखा कर देेते हैं। कई बार तो हम यह मानने को भी तैयार नहीं होते कि ऐसी कोई बीमारी भी होती है। सच में आपका द्धारा प्रकाशित यह आर्टिकल बहुत ही उपयोगी है।

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    • Dhanyavad Jamshed ji…..overthinking se problem to bahut hoti hain lekin yadi ham isse bachne ke upay dekhen to yeh bahut saral hain…..

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