तू उठ और चल! Boost Your Energy By Motivational Poem

प्रत्येक काली रात के बाद उजाले से भरा एक दिन जरूर आता है।

बहुत से लोग हैं जो अपने जीवन में विफल (Failure in Life) हो जाते हैं और खुद को अंदर से टूटा हुआ तथा बिखरा हुआ महसूस करते हैं। जबकि अभी भी समय हाथ से नहीं गया होता।

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Boost Your Energy

ऐसा इंसान दोबारा उठ खड़ा हो सकता है। वह दिखा सकता है कि उसे मिली हुई हार कोई फाइनल मैच नहीं था, फाइनल तो अभी होना बाकी है।

यह सोचकर वह दोबारा खड़ा हो जाता है और अपनी कमर को जीत के लिए फिर से कस लेता है।

अपना आत्मविश्वास (Self confidence) दोबारा समेटता है और इसी के सहारे एक बहुत लम्बी छलांग लगाता है और जीत कर ही दम लेता है।

दोस्तों! हो सकता है आपको भी हार मिली हो, लेकिन घबराना मत, सारी कायनात आपके साथ है, मैं भी आपके साथ हूँ, आपको निराशा और विफलता (Frustration and failure) की खाई में कभी गिरने नहीं दूंगा।

आइये आज मैं आपको एक ऐसी हिंदी कविता (Hindi Poem) बताने जा रहा हूँ जो आपके अंदर के प्रत्येक कण को नई ऊर्जा (New Energy) से भर देगी और आप दोबारा से अपने लक्ष्य (Goal) को पाने के लिए लालायित हो जायेंगे।

यह हिंदी प्रेरणादायक कविता (Motivational Poem In Hindi) आपके मन को सुन्दर रोशनी से भर देगी और फिर कभी आपको अँधेरे में डूबने नहीं देगी।

इस “Inspiring Poem In Hindi” को कृपया बहुत ध्यान से पढ़िए और पढ़ने के बाद शांत मन से इस पर मनन कीजिये।

यह “Hindi Poetry On Boost Your Energy” आपके जीवन में नया सवेरा ला सकती है, ऐसा मेरा विश्वास है–

तू उठ और चल! (Inspirational Poem In Hindi)

तू उठ और चल!

क्यों निराश है?

क्यों हताश हैं?

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धरती को मापना बाकी है,

अभी तो झुकाना आकाश है।

तू उठ और चल!

सारे डर निकाल फेंक,

हौसलों की रोटी सेंक,

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एक बार में चूक गये हो तो क्या

दुबारा में ला, तू दुनिया का पहला  रैंक

जिसे समझता है तू अपनी कमजोरी,

वो ही देख तेरी ताकत बनेगी,

छोड़ दे मंदिरों मस्जितों के चक्कर लगाना,

तेरी मेहनत से ही किस्मत चमकेगी,

सुन लिया बहुत तूने, इस दुनिया की कानाफूसी को,

अब तू इस दुनिया को अपनी बात सुना,

अब तेरी हर बात नई इबारत बनेगी।

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तू उठ और चल!

तेरी चाल भूचाल है,

तेरी बात कमाल है

भूल जा अपने अतीत को, जो दुखदायी है

आगे तेरे, तेरा उज्जवल भविष्य काल है

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तू उठ और चल!

क्यों निराश है?

क्यों हताश हैं?

जीत लेना है तुझे सारे जग को,

और बनाना तुझे एक नया इतिहास है।

इस काली रात के बाद नया सवेरा तेरा इंतजार कर रहा है,

और एक तू है, जो एक नाकामी, एक गलती के लिए

जीवन बेकार कर रहा है,

तू सोच, न आॅक्सीजन का डोज खत्म हुआ है, न तेरी ऊर्जा,

यह सिर्फ जीवन का उतराव-चढ़ाव है, तू क्यों खुद को तार तार कर रहा है।

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तू उठ और चल!

फिक्र को गोली मार,

मन के अंदर निहार

जी लें अपने जीवन के हरपल तो खुल के,

एक बार खुद से कर लें प्यार

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तू उठ और चल!

क्यों निराश है?

क्यों हताश हैं?

महसूस कर तू खुद को मौजूदा वक्त में,

अरे! इस वक्त को कब से तेरी तलाश है।

By- Raj Kumar Yadav

Email : [email protected]

 

“तू उठ और चल! (You wake up and walk)” यह कविता (Hindi Poetry) हमें राज कुमार यादव जी ने भेजी है जो गोपालगंज, बिहार से हैं। राज जी को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है। राज कुमार जी का बहुत बहुत धन्यवाद ! हम राज कुमार जी को उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनायें देते है।

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7 thoughts on “तू उठ और चल! Boost Your Energy By Motivational Poem”

  1. Sir aapne bahut hi achhi motivtional poem share kiya hain isko padh kar bahut hi achha laga isko share karne ke liye Dhnyabad.

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  2. Very Nice poem sir. Kai Dino ke baad new article read karne ko mila. Bahut hi achcha likha hua sir, agar aap inko article ke sath sath video me bhi bana ke dal do or article ke sath publish karo to or bhi achcha lagega. Thank you sir

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