चुनौती का सामना | Motivational Story In Hindi

चुनौती का सामना करना सिखाती एक प्रेरणादायक कहानी

Inspirational Hindi Story With Moral

बहुत समय पहले की बात है…..एक गांव में श्याम नाम का लड़का रहता था। वह पेशे से कुम्हार था….उसके द्वारा बनाये गए मिट्टी के बर्तनों की चर्चा चारों तरफ थी। लोग दूर-दूर से उसकी इस कला को देखने आते थे।

श्याम जितने सुन्दर बर्तन बनाता था ठीक उसी प्रकार उसकी सोच भी औरो के प्रति थी।…..कहने का मतलब यह है कि वो जितना अपने कार्य के प्रति निष्ठावान था, ठीक उसी प्रकार से लोगों के प्रति भी था।…कोई भी अपनी समस्या लेकर उसके पास आता था, तो उसका समाधान लेकर ही जाता था।

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खेल कूद में भी उसके जैसा माहिर दूर-दूर तक कोई नहीं था। जिस रफ्तार और फुर्ती से वह दौड़ता था,… मानो चीता दौड़ रहा है।… कोई उसके सामने टीक नही पाता था। सब उसके कायल थे।

बहुत कम उम्र में ही वह अपने गाँव के साथ-साथ दूसरे गॉंवों में भी चर्चित हो गया था।

एक बार उसके गाँव में भयानक विपत्ति आ गई।… एक शेर उसके गाँव में रात में आता था और पालतू पशुओं को उठा कर ले जाता था।….गाँव वाले बहुत भयभीत थे।…जैसे ही रात का समय होता था मानो चारों ओर सन्नटा पसर जाता था।…क्या पता कब शेर आ जाये और हमला कर दे।

गाँव वाले इतने ज्यादा डरे हुए थे कि दिन में खेती किसानी करने से डरने लगे।…न जाने कब उन पर शेर का हमला हो जाए।

शेर अब आदमखोर बन गया था, वह गाँव के पशुओं के साथ-साथ मनुष्यों का भी शिकार करने लगा। गाँव के कई लोगों को वह अपना खुराक बना लिया था।

शेर को पकड़ने का गाँव वालों ने बहुत प्रयास किया परंतु कोई उपाय काम न आया।….श्याम को जब इस बात का पता चला तो उसने ग्राम सभा में शेर पकड़ने की बात रखी…..

पर गाँव के मुखिया ने कहा, “हमने बहुत प्रयत्न किये, पर कोई सफलता प्राप्त नही हुआ…वो शेर है शेर, उसे पकड़ना इतना आसान काम नही है…माना कि तुम बहुत निडर हो, बुद्धिमान हो, परन्तु इसका मतलब यह नही है कि तुम उसे पकड़ लोगे।”

श्याम मुखिया की बात सुनकर मुस्कुराने लगा…इस पर मुखिया ने कहा, “तुम इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो…. इस समस्या को लेकर हम सब इतने गंभीर है और तुम हँस रहे हो आखिर इस हँसी का कारण क्या है? बताओ! नही तो दंड भोगने के लिए तैयार हो जाओ।”

श्याम ने कहा, “नही मुखिया जी! माफ़ करें! मैं आपकी बात पर नही हँस रहा था।….मैं तो यह सोच के मुस्कुरा रहा था कि जिस दिन उस शेर को पकड़ लूंगा और गाँव वालों के चेहरे पर उस वक्त जो ख़ुशी होगी, उसे देखकर मेरे भी चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाएगी….इसलिए मैं मुस्कुरा रहा था।”

मुखिया ने कहा, “तुम्हारे पास है कोई तरकीब उस खूंखार आदमखोर शेर को पकड़ने की तो बताओ!”

श्याम ने कहा, “बहुत सी तरकीब हैं, परन्तु कौन सी आजमाऊँ वही सोच रहा हूँ।”

मुखिया ने कहा, “जो भी करो जल्दी करो, हमारे पास समय नही है…न जाने वह शेर कब क्या कर देगा। लेकिन मेरी एक शर्त है कि यदि तुम कामयाब नहीं हुए तो तुम्हें यह गांव छोड़कर जाना पड़ेगा।” 

श्याम ने मुखिया की शर्त मान ली। अब श्याम ने तीन तरकीब निकाली। जिसमे दो कुछ आसान और एक कठिन तरकीब थी। उसने सोचा पहले कुछ आसान तरकीब आजमाते हैं, सफल रही तो ठीक, वरना कठिन तरकीब अपनानी होगी।

पहला तरकीब– एक पिंजड़ा बनाया गया और उसमें मांस का टुकड़ा लगा दिया गया …जिससे शेर आये और पिंजड़े में कैद हो जाये। परंतु शेर इतना चालाक था कि वह मांस को तो नही खाया बल्कि एक पालतू पशु को उठाकर ले गया।

अब दूसरी तरकीब अपनाने की सोची गयी।

दूसरा तरकीब– एक बड़ा सा जाल बनाया गया और कुछ जानवरों को रख दिया गया ताकि शेर आये और जैसे इन जानवरों पर हमला बोले तो जाल में फंस जाए। परन्तु शेर इतनी तेज गति से आया कि जाल बंद करने से पहले ही एक जानवर को उठा ले गया। उसका यह उपाय भी काम न आया।

अब श्याम के पास तीसरी और आखिरी तरकीब थी जो कठिन थी।…अबकी बार वह अगर काम न आयी तो पूरे गाँव में उसकी जग हँसाई हो जाएगी।….लेकिन कहते है न कि ईश्वर भी उसका साथ देता है जो सच्चे मन से अपने कार्य के प्रति समर्पित हो।….

श्याम अपने कार्य के प्रति बहुत ही ज्यादा समर्पित था।…. उसने एक बड़ा सा गड्डा खोदा और वह इतना गहरा था कि एक बार वह शेर यदि उसमे गिर जाए तो निकल नही पाए।

श्याम जो कि चीता जैसा दौड़ सकता था, उसने हिरण के जैसी एक खाल बनायीं और उसे ओढ़कर शेर का इंतेजार करने लगा कि कब वह खूंखार शेर आए और उसे अपना शिकार बनाए।….शेर ने देखा कि इतना बड़ा हिरण आज तो इसका शिकार करके मजा आ जायेगा।…..

श्याम जो हिरण की खाल ओढ़कर अपने शिकार शेर का इंतजार कर रहा था, अब वह इंतजार की घड़ी नजदीक आ गयी थी। चांदनी रात का मंजर था और एक दूसरे का शिकार बनाने के लिए शेर और श्याम दोनों तैयार थे।

गाँव वालों के लिए यह बहुत अजीब सा मंजर था, कौन किस पर भारी पड़ेगा और कौन बाजी मार देगा, यह देखना बहुत दिलचस्प था।

श्याम के लिए यह आखिरी तरकीब थी।… जान का तो खतरा था ही लेकिन यदि वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हुआ तो गाँव वालों का उस पर से भरोसा उठ जाएगा। और उसे हमेशा के लिय गाँव छोड़कर जाना पड़ेगा। गाँव के मुखिया ने यही शर्त रखी थी।

शेर ने जैसे ही हिरण (खाल ओढ़े श्याम) को देखकर उसकी ओर लपका, वह हिरण तेजी से उस कुएं नुमा गड्ढे की ओर भागने लगा…..शेर भी तेजी से उसके उसके पीछे उसी ओर जाने लगा।

अब हिरण और भी तेज गति से दौड़ने लगा…..हिरण आगे शेर पीछे…और जैसे ही शेर ने हिरण को पकड़ने लंबी छलांग लगाई तो हिरण ने भी छलांग लगाकर बड़े गड्ढे को पार कर गया और शेर इससे पहले कुछ समझ पाता वह कुएं नुमा गड्ढे में गिर गया।….जिससे वह अब कभी नहीं निकल पायेगा।

गांव वाले चिल्लाये, हो! हो! हो! श्याम की आखिरी तरकीब काम कर गयी।… हमने शेर को पकड़ लिया……इस बार शेर की चालाकी काम न आयी।

गाँव वाले श्याम की बहादुरी, ईमानदारी, गांव वालों के प्रति प्यार और अपने कार्य के प्रति कर्तव्यनिष्ठा के अब पहले से ज्यादा कायल हो गए।

उन्होंने श्याम के इस सूझबूझ तरकीब की भूरी-भूरी प्रशंसा की और मुखिया ने गाँव वालों के सामने यह प्रस्ताव रखा कि अब से हमारे गाँव का मुखिया श्याम होगा, जिस पर गाँव वाले श्याम की जय-जयकार लगाने लगे।….

इस पर श्याम ने कहा कि यह उसका कर्तव्य बनता है कि मुसीबत में वह अपनों के काम आए और समस्या का समाधान करें।

इस प्रेरक हिंदी कहानी से हमने क्या सीखा?

What Moral did you Learn from the Story

इस Hindi Kahani से हमे यह सीख मिलती है कि समस्या (Problem) कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अगर सही कारगर तरीके और सूझबूझ से हल किया जाए तो आप हर चुनौती का डट कर सामना कर सकते हैं।

यह Hindi Kahani हमें बताती है कि चुनौती (Challenge) आने पर उससे भागना कायरता होती है। असली और सफल व्यक्ति वह होता है जो समस्या का एक सही योजना के साथ सामना (Solve problems with Proper Planning) करता है और जब तक समस्या दूर न हो जाये तब तक प्रयास करता रहता है।

यह Hindi Kahani हमें संदेश देती है कि यदि चुनौती का सामना करने सीना तान के खड़े हो जाओ तो रास्ता खुद बा खुद निकल आता है।

कहने का तात्पर्य है कि..जहाँ चाह है वहाँ राह है (WHERE THERE’S A WILL, THERE’S A WAY)। इसलिए कभी भी चुनौती से भागना नही चाहिए… उसे स्वीकार करो, मुकाबला करो और तब तक करो जब तक उसका समाधान नही निकल जाता।

उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी यह प्रेरणादायक हिंदी कहानी (Inspirational Hindi Kahani) पसंद आयी होगी।

दोस्तों! यह Hindi Khani हमें राकेश चक्रवर्ती जी ने भेजी है। राकेश जी को कहानी लिखने का बहुत शौक है। हमारी दुआ है कि वह भविष्य में बहुत अच्छी कहानियां लिखें और हमारे पाठकों को सफल होने के लिए इसी तरह प्रेरित करते रहें। धन्यवाद!

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20 thoughts on “चुनौती का सामना | Motivational Story In Hindi”

  1. धन्यवाद राकेश जी, बहुत ही अच्छी तरह आपने कहानी का अर्थ समझाया। और साथ ही अमूल शर्मा जी को भी धन्यवाद ज‍िनके माध्यम से यह कहानी हम पाठको तक पहुची।

    आभार
    पॉंजिटव बातें

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    • जी शुक्रिया आपका जो आपको मेरी कहानी पसंद आया।

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  2. sir ye kahani hame yah bhi sikhata hai ki yadi hum apne kary ko imandari se kare to safalta jarur milega

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  3. yah padh kar aapne mujhe apni purani baate yaad dila diye .kyo ki mane bhi bahut chunautiyo ka samna kiya hu
    thanks

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