परेशानियों से लड़ना सीखो Motivational Story In Hindi

Inspiring Story With Moral On

Fight Against Problems

एक समय की बात है एक शिल्पकार शाम के समय अपने घर की ओर बहुत तेजी से लौट रहा था। तभी रास्ते में उसे एक लकड़ी का एक बड़ा टुकड़ा (लट्ठा) मिला। शिल्पकार उस लकड़ी के टुकड़े को अपने घर ले गया।

लकड़ी के बड़े टुकड़े को देखकर उसने सोचा कि क्यों न इस लकड़ी से अपने राजा के लिए एक सिंहासन तैयार किया जाये।

fight against problems hindi story
Fight Against Problems

दूसरे दिन अपने औजार लेकर वह उस लकड़ी के टुकड़े की कांट छांट करने लगा। लकड़ी का वह बड़ा टुकड़ा चिल्लाने लगा, “नहीं! नहीं! मेरी कांट छांट मत करो, बहुत दर्द होता है। मुझे ऐसे ही छोड़ दो।”

शिल्पकार के बहुत समझाने पर भी वह न माना। आखिर में शिल्पकार को लकड़ी के टुकड़े की बात माननी पड़ी। वह उस लकड़ी को कहीं रख आया।

बाद में वह एक दूसरा बड़ा लकड़ी के टुकड़ा लेकर आया और उससे राजा के लिए एक सिंहासन तैयार करने लगा।

इस बार लकड़ी के टुकड़े ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वह चुपचाप राजा के सिंहासन के रूप में ढलने लगा। कुछ ही दिनों में राजा का एक सुन्दर सिंहासन बनकर तैयार हो गया। शिल्पकार बहुत खुश था।

अगले दिन शिल्पकार कहीं जा रहा था तभी उसे राजा अपने हाथी पर बहुत से सैनिकों के साथ आते हुए दिखाई दिए। उसने राजा को नमस्कार किया और बताया कि उसने एक बहुत सुन्दर सिंहासन बनाया है।

यह बात सुनकर राजा बहुत खुश हुए और शिल्पकार को अगले दिन राजदरबार में सिंहासन लेकर आने को कहा।

अगले दिन शिल्पकार राजा के दरबार में उस सुन्दर सिंहासन को लेकर पहुंचा। राजा बहुत खुश हुआ। उसने उस सिंहासन को ले लिया और उस शिल्पकार को मोतियों की माला उपहार में दी।

जैसे ही शिल्पकार ने राजा से लौटने की इजाजत मांगी तभी वह सिंहासन बोला, “हे शिल्पकार! आपका बहुत बहुत धन्यवाद! मैं तो केवल एक लकड़ी का टुकड़ा था, आपने मुझे कांट छांट कर एक सुन्दर सिंहासन बनाया। अब मैं राजदरबार की शोभा बढ़ाऊंगा। मुझमे हीरे और मोती जड़े जायेंगे तब मैं और सुन्दर हो जाऊंगा। जो भी दरबार में आएगा वह राजा को नमस्कार करेगा और साथ में मुझे भी। मेरा तो जीवन ही धन्य हो गया।”

शिल्पकार ने उसकी बातों को सुना और मुस्कुराता हुआ वापस हो गया। लौटते समय शिल्पकार ने सोचा कि क्यों न उस लकड़ी के टुकड़े को एक बार देख लिया जाये जो कांट छांट करने पर रो रहा था और परेशान हो रहा था।

वह उस स्थान पर गया तो पता चला कि लोगों ने उसे जलाने के काम में ले लिया। शिल्पकार को बहुत अफ़सोस हुआ। उसने सोचा कि “यदि यह लकड़ी का टुकड़ा यदि कांट छांट को सहन कर लेता तो आज यह राजा का सिंहासन होता। चलो जो हुआ सो अच्छा हुआ। अपना अपना विचार और अपना अपना निर्णय।”

इस कहानी से आपने क्या सीखा?
What is the Moral of this Story?

दोस्तों! इस हिंदी कहानी (Inspirational Story In Hindi) से हमें जीवन में सफल (Success in Life) होने की बहुत बड़ी सीख मिलती है।

इस प्रेरक कहानी (Inspiring story) में शिल्पकार को जो पहला लकड़ी का टुकड़ा मिला था वह अपने ऊपर पड़ने वाले प्रहारों को सहन नहीं कर पाया और एक सुन्दर सिंहासन बनने से वंचित हो गया।

जबकि लकड़ी का दूसरा टुकड़ा अपने ऊपर पड़ने वाले प्रहारों को सहन कर गया और अंत में वह एक सुन्दर सिंहासन बना।

दोस्तों इसी प्रकार हमें जीवन में सक्सेस होने के लिए बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

जो इन परेशानियों को सहन करते हुए आगे बढ़ता रहता है वह एक दिन सफलता जरूर प्राप्त करता है। और जो जीवन में आने वाली परेशानियों को सहन नहीं करता वह असफल रह जाता है और एक दिन बिना कुछ अच्छा किये नष्ट हो जाता है।

किसी अच्छे student को ही देख लीजिये। वह अच्छे मार्क्स लाने के लिए बहुत कुछ सहन करता है। रात को नींद आती है फिर भी वह पढ़ता है। दिन में टी.वी देखने का मन करता है फिर भी नहीं देखता।

वह अपना दिन और रात एक कर देता है तब कहीं जाकर उसे Success प्राप्त होती है।

कोई भी व्यक्ति जो सफलता प्राप्त करना चाहता है उसे बहुत सी Problems का सामना तो करना ही होता है।

विजयी (Victorious) वह व्यक्ति होता है जो इन परेशानियों से घबराता नहीं है और हिम्मत (Courage) के साथ उन्हें दूर करता हुआ बहुत आगे निकल जाता है जहाँ सफलता उसका इन्तजार कर रही होती है।

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6 thoughts on “परेशानियों से लड़ना सीखो Motivational Story In Hindi”

  1. अमूल जी , कहानी बहुत ही प्रेरणादायक लगी , इस कहानी में सीखने के साथ ही साथ रोचकता भी है ,
    अगर कोई इसे पढ़ना शुरू कर दे , तो वो पूरी पढ़ेगा ही पड़ेगा ,
    क्योकि इसमे सीखने की उत्सुकता है , जैसे कि उस दूसरी लकड़ी को सिंहासन बनने की जिसके लिए उसने जो भी सहने का परिश्रम किया ,
    बाद में उसे उसका फल भी मिला ।।

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